शिक्षक बनने की झूठी आस में ठगे गए हजारों युवा छिंदवाड़ा
*शिक्षक बनने की झूठी आस में ठगे गए हजारों युवा*
छिंदवाड़ा/अमरवाड़ा:--
विभिन्न स्कूलों में कार्यरत अप्रशिक्षित शिक्षकों को एनआईओएस डीएलएड से प्रशिक्षित कराने की प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। इसका उद्देश्य सभी अप्रशिक्षित शिक्षकों को प्रशिक्षित की श्रेणी में लाना था। लेकिन कुछ शिक्षा गिरोह ने युवाओं को झूठी जानकारी देकर इस बात के लिए राजी किया कि यह कोर्स करने के बाद आप शिक्षक बनने के पात्र हो जाएंगे। इसी क्रम में मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में इस कोर्स में एडमिशन लेने वालों की तादाद हजारों में है। युवाओं ने दलालों के बहकावे में आकर हजारों रुपए खर्च कर यह कोर्स किया। वहीं कई स्कूलों में प्रशिक्षण कराने के बहाने हजारों रुपए अप्रशिक्षित शिक्षकों से वसूला गया। लेकिन अब उनकी सांसे अटकी की अटकी रह गई। जब इस कोर्स को सरकारी भर्ती में विभिन्न राज्यों में अमान्य कर दिया गया। ऐसे कोर्स में एडमिशन पर कई सवालिया निशान ही खड़े होते हैं कि यह सब अधिकारियों की नाक के नीचे घटित होता रहा क्या इनको इस फर्जीवाड़े की जानकारी नहीं थी या फिर अधिकारी की मिलीभगत से ही यह सब हुआ इस मामले से कई शिक्षक और शिक्षिकाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ हुआ है इससे मध्य प्रदेश शिक्षा प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं।
डीएलएड धारी शिक्षक और शिक्षिकाओं ने शासन प्रशासन से मांग की है कि एनआईओएस द्वारा कराए गए D.El.Ed को मान्यता दी जाए अन्यथा बड़े स्तर पर आंदोलन किया जावेगा।
*जांच में यह बात आई सामने*
ऐसे कई शिक्षक और शिक्षिकाए हैं जिन्होंने अध्यापन अनुभव में दर्शाए गए समय व उसी समय में अपनी स्नातक या अन्य विषयों की पढ़ाई नियमित रूप से की है फिर एक समय में दोनों कार्य कैसे संभव हुए। सूत्रों के अनुसार इसमें अधिकारी वर्ग की भी मिलीभगत हो सकती है।
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